बात ही कुछ और होती। ....


मेरे चेहरे की लकीरें पढ़ने की आदत है तुम्हे ,
दिल के अंदर झांक के देखा होता तो
बात ही कुछ और होती। ....

इन होठों की हरकतों पे तो गौर किया तुमने ,
निगाहों की गहराईयों को समझा होता तोह बात ही कुछ और होती। … 

हाल चाल तो रोज़ ही पूछ लिया करते हो तुम ,
कुछ दिल की बात बताने का मौका दिया होता तो बात ही कुछ और होती। .... 

दोस्ती निभाना इतना आसान नहीं मेरे दोस्त ,
ये एक खूबसूरत एहसास है ,
इस एहसास को महसूस किया होता तो बात ही कुछ और होती। … 

फूलों जैसा रिश्ता हमारा ,
कुछ काँटों का भी ख्याल किया होता तो बात ही कुछ और होती। …। 

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